संज्ञाओं के विकार | लिंग, वचन और कारक

संज्ञा शब्दों में प्रसंग के अनुसार परिवर्तन होता है, क्योंकि संज्ञा विकारी शब्द है। संज्ञा शब्दों के तीन तरह के विकार या परिवर्तन देखने को मिलते हैं — लिंग, वचन और कारक।

उदाहरण

  • लिंग : लड़का (खाता है) → लड़की (खाती है)
  • वचन : लड़का (खाता है) → लड़के (खाते हैं)
  • कारक : लड़का खाना खाता है → लड़के ने खाना खाया। लड़की खाना खाती है → लड़कियों ने खाना खाया।

इन उदाहरणों में रूपांतर का कारण कर्ता कारक का चिन्ह “ने” है, जिससे एकवचन होते हुए भी “लड़के” का रूप बहुवचन जैसा हो गया।

१. लिंग (Gender)

शब्द के जिस रूप से यह पता चलता है कि वर्णित वस्तु पुरुष जाति की है या स्त्री जाति की, उसे लिंग कहते हैं। हिंदी में दो लिंग होते हैं — पुल्लिंग और स्त्रीलिंग।

लिंग निर्धारण के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य:

  • 👉 अकारांत शब्द प्रायः पुल्लिंग होते हैं — राम, क्रोध, यश आदि।
  • 👉 इकारांत शब्द प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं — नदी, रोटी, छड़ी, लकड़ी।
  • 👉 वे भाववाचक संज्ञाएँ जिनके अंत में त्व, व, र्य, पा, पन होता है, प्रायः पुल्लिंग होती हैं — महत्व, शौर्य, बुढ़ापा, बचपन, मानव।
  • 👉 पुल्लिंग संज्ञा के साथ पुल्लिंग विशेषण, स्त्रीलिंग संज्ञा के साथ स्त्रीलिंग विशेषण प्रयुक्त होता है।
    उदाहरण — अच्छा लड़का, अच्छी लड़की।
  • 👉 आई, इया, आवट, आहट, ता प्रत्ययों से बने शब्द प्रायः स्त्रीलिंग होते हैं — सिखाई, बुराई, लड़किया, आहट, भलाई।

२. वचन (Number)

जिस रूप से यह पता चलता है कि कोई वस्तु या व्यक्ति एक है या एक से अधिक, उसे वचन कहते हैं। हिंदी में दो वचन होते हैं — एकवचन और बहुवचन।

  • एकवचन: जिससे एक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो — लड़का, लड़की, फल।
  • बहुवचन: जिससे एक से अधिक वस्तु या व्यक्ति का बोध हो — लड़के, लड़कियाँ, फलें।

३. कारक (Case)

कारक वह है जो किसी क्रिया के साथ संज्ञा या सर्वनाम का संबंध बताता है। हिंदी में आठ प्रकार के कारक होते हैं।

  1. कर्ता कारक — जो कार्य करता है। उदाहरण: लड़का खाना खाता है।
  2. कर्म कारक — जिस पर कार्य होता है। उदाहरण: लड़का आम खाता है।
  3. करण कारक — जिसके द्वारा कार्य होता है। उदाहरण: लड़का कलम से लिखता है।
  4. संप्रदान कारक — जिसके लिए कार्य होता है। उदाहरण: लड़का माँ के लिए फूल लाया।
  5. अपादान कारक — जिससे अलगाव होता है। उदाहरण: लड़का घर से निकला।
  6. संबंध कारक — संबंध बताने वाला। उदाहरण: राम का घर सुंदर है।
  7. अधिकरण कारक — स्थान या समय बताने वाला। उदाहरण: लड़का स्कूल में पढ़ता है।
  8. सम्बोधन कारक — संबोधित करने के लिए। उदाहरण: अरे राम! ज़रा सुनो।

निष्कर्ष: इस प्रकार, संज्ञा शब्दों में लिंग, वचन और कारक के अनुसार रूप परिवर्तन होते हैं, जो भाषा की शुद्धता और अर्थ की स्पष्टता के लिए आवश्यक हैं।

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Class-8,पाठ-संज्ञा के विकार【लिंग,वचन,कारक】

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संज्ञा लिंग वचन और कारक | pad parichay part 2 |

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